एयर कूलर के रख-रखाव हेतु दिशा-निर्देश

एयर कूलर के रख-रखाव हेतु दिशा-निर्देश

  • 9 July

एयर कूलर - Crompton एयर कूलर - Crompton

गर्मियां आते ही सभी को ठंडक के अहसास की जरुरत महसूस होने लगती है। इसके लिए लोग पंखे का इस्तेमाल करते हैं।  लेकिन अधिक गर्मी होने पर पंखे बेहद गर्म हवा देते हैं लेकिन इस समय हमें ठंडी हवा ही सुकून दे पाती है जो हमें सिर्फ एयर कूलर ही दे सकता है।  साधारण मूल्य, कम बिजली खपत और रख रखाव में आसानी के कारण एयर कूलर आम जन में अत्यधिक लोकप्रिय ठंडक पाने का साधन है। एयर कूलर वातावरण को भी नुकसान नहीं पहुंचाते जैसा कि एयर कंडीशनर करते हैं। चाहे गांव हो या शहर, दुकान हो या मकान, गली हो या मोहल्ला सभी जगह शीतलता पाने के लिए एयर कूलर्स का ही बोलबाला है।

 

रख-रखाव की आवश्यकता 

किसी भी अन्य मशीन की तरह एयर कूलर को भी निरंतर रख-रखाव की आवश्यकता पड़ती है।  अन्यथा न सिर्फ इनकी ठंडा करने की क्षमता घटती है अपितु ये बिजली की खपत भी अधिक करने लगते हैं। अभी खराबी बढ़ने पर इन्हे रिपेयर भी कराना पड़ सकता है। इनका रख-रखाव इतना आसान है कि हम स्वयं इसकी साफ-सफाई कर सकते हैं। ज्यादातर लोग ये सोचते हैं कि एयर कूलर को सिर्फ लगाते समय ही साफ़ करना होता है लेकिन बेहतर व निरंतर शीतलता पाने के लिए इसे महीने में एक बार साफ़ अवश्य किया जाना चाहिए। इस मासिक सफाई से न सिर्फ उसके अंदर जमी धुल-मिटटी साफ हो जाती है बल्कि उसमे पनप रही फंगस भी हट जाती है। पानी के पुराने पड़ जाने उत्पन्न होने वाली दुर्गन्ध समाप्त हो जाती है, साथ ही  एयर कूलर में पैदा होने वाले सूक्ष्म कीड़े व मच्छर आदि से भी हमें छुटकारा मिल जाता है।

 

एयर कूलर्स की कीमत व प्रकार 

बाजार में एयर कूलर अनेक ब्राण्डों, रंगों, डिजाईनों, धातुओं, आकार, और अलग-अलग सुविधाओं के साथ मिलते हैं। आजकल रिमोट कन्ट्रोल से चलने वाले  एयर कूलर भी आम हैं, जिनमें हवा के साथ साथ मोटर से चलने वाले पानी को भी नियंत्रित किया जा सकता है। इससे पानी के साथ बिजली की भी बचत होती है। एयर कूलर प्राइस उनके आकार, ब्रांड और अतिरिक्त मिलने वाली सुविधा पर निर्भर करती है। बाजार में एयर कूलर 3,000  रु से लेकर 20,000 रु तक की कीमत में मिलते हैं। व्यक्ति अपनी पसंद, कीमत, ब्रांड, और  कूलर लगाने के लिए उपलब्ध स्थान के अनुसार एयर कूलर खरीद सकता हैं।

 

 एयर-कूलर्स की सफाई के दिशा-निर्देश

1. कूलर के वाटर टैंक की सफाई एयर कूलर के रख-रखााव का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है। अगर वाटर टैंक को भली-भांति साफ़ किया जाये तो हमें कूलर की दुर्गन्ध, मच्छरों व विभिन्न कीड़ों से मुक्ति मिल जाएगी। सबसे पहले कूलर के सभी कूलिंग पैड्स कूलर से अलग करके उन्हें पानी से अच्छी तरह साफ़ करके सूरज की गर्मी में सूखने को रख देंगे। अब वाटर टैंक का पुराना पानी पूरी तरह से खाली कर देंगें।  इसे सूखे कपड़े से सूखा कर थोड़ा स्क्रब करेंगे जिससे तल पर जमा नमक व मिटटी साफ हो जाये । अब इस वाटर टैंक में थोड़ा पानी व सिरका डाल कर इसे लगभग घंटे भर के लिए छोड़ देंगे। अंत में इसे भी सूखे कपड़े से साफ करके सूखा देंगे। इस तरह वाटर टैंक साफ-सुथरा व कीटाणु-रहित हो जायेगा।

2. कूलर की सफाई का अगला चरण है कूलिंग पैड्स की सफाई।  कूलिंग पैड्स मुख्यतः दो तरह के होते हैं – खस और घास वाली और हनीकॉम्ब जाली। खस और घास की जाली को हर साल बदलने की जरुरत पड़ती है लेकिन हनीकॉम्ब जाली को बार-बार बदलने की आवश्यकता नहीं पड़ती। इन कूलिंग पैड्स की मिटटी को तेज पानी की धार से साफ करके इसे धूप की रौशनी में भली-भांति सूखने देंगे।

3. आधुनिक एयर कूलर कूलर्स का  बाहरी ढांचा मुख्यतः दो प्रकार की सामग्रियों के बनता है- लोह धातु या मजबूत प्लास्टिक। कूलर की बाहरी सतह ही सफाई भी अत्यावश्यक है। पहले जमी धुल-मिट्टी को सूखे कपड़े से अच्छी तरह साफ़ कर देंगें। तत्पश्चात कपड़े को विनेगर मिले पानी में डूबा कर बाहरी सतह को भली-भांति साफ़ करेंगे। इसके बाद इसे धूप में सूखने के लिए रख देंगे। इससे न सिर्फ ये सूख जायेगा अपितु इसमें दुर्गन्ध-रहित चमक भी आ जाएगी।

4. निरंतर उपयोग में आने से कूलर के पंखे पर काफी धूल व गन्दगी जमा हो जाती है। जिसे गहराई से साफ़ करना पड़ता है। सर्वप्रथम सूखे कपडे से ऊपरी धूल मिट्टी साफ कर देंगें। अब हल्के डिटर्जेंट और पानी के घोल में स्पंज डूबा कर पंखों को आगे व पीछे से अच्छी तरह साफ करके सूखे कपड़े से सूखा देंगें। इसे साफ करते समय यह ध्यान रखना चाहिए कि पानी मोटर पर न गिरे क्योंकि मोटर पंखे से जुड़ी होती है।
इससे मोटर जल सकती है। पंखो को भी थोड़े समय सूखने के लिए खुला छोड़ देना चाहिए।

5. एयर कूलर कि सफाई का अंतिम चरण है लुब्रिकेशन। पंखे के पूरी तरह सूख जाने पर उसके मध्य भाग में और मोटर में तेल या कोई भी लुब्रीकेंट डालना चाहिए इससे जंग भी नहीं लगेगा और ये जाम भी नहीं होंगें।  साथ ही कूलर के ये हिस्से अपना काम सुगमता से करते रहेंगें।

 

 कूलर का पुनः संयोजन

पूरा कूलर साफ़ होने के बाद और धूप में पूर्णतः सूखने के बाद ही इसे पुनः संयोजित करना चाहिए। धूप में सूखने पर न सिर्फ इसकी दुर्गन्ध समाप्त हो जाती है बल्कि अगर कोई फंगल संक्रमण फैल रहा हो तो वह भी ख़त्म हो जाता है। अगर एयर कूलर का ढांचा धातु का है तो इस पर जंगरोधी पेंट लगाना चाहिए वरना धातु में जंग लग सकती है।  पूर्णतः सूखने के बाद इसे वापिस सावधानीपूर्वक संयोजित कर देना चाहिए। अब हमारा क्रॉम्पटन एयर कूलर ताजा व ठंडी हवा देने के लिए तैयार है। क्रॉम्पटन एयर कूलर वर्षों से हमें शीतलता का अहसास करते आ रहे है। इसलिए इनके लिए कहा है ‘ये दे गर्मी में भी ठंडी का अहसास’।